घन तमी शुक्र बघ राज्य करी
घन तमीं शुक्र बघ राज्य करी ई ई घन तमीं शुक्र बघ राज्य करी ई ई रे खिन्न मना बघ जरा आ आ आ तरी ई ई घन तमीं शुक्र बघ राज्य करी ई ई
ये बाहेरी अंडे फोडुनि ये बाहेरी अंडे फोडुनि शुद्ध मोकळ्या आ आ आ वातावरणीं का गुदमरशी आतच कुढुनी ई ई रे मार भरारी जरा आ आ आ वरी ई ई घन तमीं शुक्र बघ राज्य करी ई ई रे खिन्न मना बघ जरा आ आ आ तरी ई ई घन तमीं शुक्र बघ राज्य करी ई ई
फूल गळे फळ गोड जाहले फूल गळे फळ गोड जाहले बीज नुरे डौलात तरु डुले तेल जळे बघ ज्योत पाजळे का मरणिं अमरता ही ई ई न खरी ई ई घन तमीं शुक्र बघ राज्य करी ई ई रे खिन्न मना बघ जरा आ आ आ तरी ई ई घन तमीं शुक्र बघ राज्य करी ई ई
मना वृथा का भीशी मरणा दार सुखाचे ते हरि करुणा मना वृथा का भीशी मरणा दार सुखाचे ते हरि करुणा आई पाही वाट रे मना आ आ आ पसरोनी बाहु कवळण्या उरीं ई ई घन तमीं शुक्र बघ राज्य करी ई ई रे खिन्न मना बघ जरा आ आ आ तरी ई ई घन तमीं शुक्र बघ राज्य करी ई ई
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Look up 'O' despondent soul,
Behold how 'Shukra' Star;
Rules in the midst of dark night;
Smiles in the sky to ignite. ||1||
Break your shell and burgeon.
Let your spirit soar,
Why you smother inside,
All gloomy and dour? |2||
The moonless night yields
to a gleaming golden Sun,
The crack of dawn gives the birth
to fathomless rays of the Sun. ||3||
Lenient offerings by God;
and merciful life,
Why conjure up so much
A boogeyman rife? ||4||
Flower withers but.
Fruit gets sweeter.
Seed disappears
as the tree extends higher. ||5||
Oil burns out but.
the bright flame illuminates.
In everlasting life,
Death! it truly ends? ||6||
Look at the flowers
smiling amongst the thorns.
Bright rays shining
through dark forlorn. ||7||
Why are you afraid of
death? in vain?
It is the door to
God's mercy, not the pain. ||8||
To embrace and hold you
close to her Heart,
The mother awaits
with wide open Heart ||9||
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