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New Year poem by Hindi Teacher Asha

7 Jan 2025 10:21 PM | Anonymous

मंगलकामनाएँ

नव वर्ष की

नव हर्ष की

स्मृति पे अपनी छाप छोड़

यह वर्ष है तत्पर जाने को ,

ले कर खुशियों का अतुल कोष

नव वर्ष है आतुर आने को।

इस वर्ष जो सुख के पल हैं जिए

उनके स्पर्श महसूस करें,

झेले जो हमने दुख के पल

उस ओर से आँखें बंद करें।

ये समय तो नदिया सा बहता

ले जाता हमको इधर उधर ,

और ये ही हमें बतलाएगा

नव वर्ष में जाना हमें किधर ।

प्रभु से ये ही विनती मेरी

मंगल कारी हो नवल वर्ष,

मन निर्मल हो दिन उज्जवल हो

और बना रहे उत्साह व हर्ष।

सबके जीवन में खुशियाँ हों

कोई आँख ना नम होने पाए,

साकार हो मन का हर सपना

और हृदय पुष्प भी खिल जाए।

सुख शांति समृद्धि बनी रहे

और अधरों पे मुस्कान सजे,

आँचल में भरी रहें कलियाँ

खुशियों का मधुर संगीत बजे।

हंसते गाते हम बढ़ते रहें

अपनी अपनी मंजि़ल की ओर ,

शुभ कर्मों का संकल्प लिए

देखें नव वर्ष की स्वर्णिम भोर।

दिल से अनंत शुभ कामनाएँ

नव वर्ष की ,

नव हर्ष की !

               -  आशा


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