क्यों भूलता है मन
कुछ क्षण का है जीवन,
आशाएँ पूरी कर ले
कुछ बन सके तो बन ।
निज स्वार्थ को भुला कर
कोई काम ऐसा कर,
मन की ज्योति जलाकर
तू पथ आलोकित कर ।
दूजे का सहारा बन जा
लालच से परे हो कर ,
कदमों में गगन तेरे होगा
जीवन की डगर पर ।
जीवन के पल हैं सीमित
सॉसें हैं गिनी चुनी ,
सब पाने की चाहत में
ये बात ना तूने सुनी ।
ना जाने कौन सा पल ये
संदेशा ले के आए ,
जीवन तो हुआ ये पूरा
अब मौत तुझे अपनाए ।
दो पल के इस जीवन को
है सार्थक तुझे बनाना ,
लोगों के हृदय सुमन में
खुशबू बन के बस जाना ।
आशा
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Why do you forget,
That the life is short,
Fulfill your hopes.
Be something if possible,
Do not be selfish,
Do good deeds for others,
By using flame of thought.
Enlighten good path to all.
Be supportive to others,
Without any greed,
And In the path of your life.
All will appreciate you.
And to grab everything,
You did not notice that,
The breaths are counted,
And limited are the moments of life.
Don't know which moment,
will bring the message,
That this is the end of life,
And death is ready to adopt.
Prove the worth of your life,
The life of numbered moments.
By settling down as fragrance
In the heart of the people.
Asha
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