‘ नन्हा पौधा वटवृ़क्ष बना ‘
बरसों पहले इस धरती पर
एक नन्हा कोमल पौधा उगा,
कुछ लोगों ने प्यार से सींचा उसे
वो बढ़ने लगा, बढ़ता ही गया।
फिर तो उस पे कलियाँ भी खिलीं
खिल के वो खूब महकने लगीं,
उसकी सुगंध थी मनभावन
महकी उससे फिर गली गली।
समय बढ़ा और संग संग
नन्हा पौधा अब वृक्ष बना
अब आने लगे हैं फल उस पर
मजबूत हुआ है उसका तना।
आई.एस.डब्ल्यू.ही नन्हा पौधा
भारतीयता की पहचान यही,
हर उम्र के बच्चे आते हैं
है मेल मिलाप की जान यही।
उमंग उत्साह के मेले लगते
रंगारंग कार्यक्रम होते यहाँ,
हर त्यौहार मनाते मिल जुल कर
प्रतियोगिता होती प्राय: यहाँ।
कई भाषा की शिक्षा मिलती,
साहित्य , कला , संगीत भी है,
संस्कार सिखाए जाते हैं
अधरों पे मचलता गीत भी है।
है भव्य इमारत अब इसकी
बड़े प्यार से इसको सजाते हम,
सहयोग की भावना पनपती है
संगी साथी बन जाते हम।
नन्हा पौधा वटवृक्ष है अब
शीतल है इसकी घनी छाया,
हर किसी का स्वागत दिल से है
हम सबका है ये मन भाया।
शुभ कामना दिल से हमारी है
यश कीर्ति बढ़े इसकी हर दिन
इसके गौरव पे ना आँच आए
सम्मान मिले हर पल हर छिन।
आशा सिंह
From Sapling to a Banyan Tree
Many years ago, in this place
A tender young plant grew.
Some people showered it with love
And it began to grow and grow
Later buds began to bloom
Their blooms filled with fragrance
Its fragrance was very pleasing
Filling every street and corner
As time goes by
The sapling has grown into a tree.
Now the tree begins to bear fruit
And its trunk has become stronger.
I. S. W. was this young sapling
Representing India over here,
Children of all ages visit.
Known for its social gatherings.
Enthusiastic gatherings happen here
Colorful events happen too.
We meet to celebrate all types of festivals
As well as contests and competitons
Lessons are taught in many languages,
Literature, arts and music too,
Culture is taught here
And music lingers on students’ lips.
Now we have an expanded building
We decorate it with love
Helping foster a spirit of cooperation
Becoming fellow companions in service.
'NOW THE SAPLING HAS GROWN INTO A BANYAN TREE'
Its spreading shade is cool
All are heartily welcome here.
It is liked and loved by all.
Our heartfelt good wishes
May its renown and fame increase
May its prestige never dim
May it gain respect every minute, every moment.
Asha Singh